भारत में करोड़ों लोग रोज़ाना रेहड़ी, पटरी, ठेला या फेरी का काम करके अपनी रोज़ी-रोटी कमाते हैं। ये स्ट्रीट वेंडर्स शहर की आर्थिक रफ्तार में बड़ी भूमिका निभाते हैं, लेकिन इनका कोई फिक्स इनकम या सोशल सिक्योरिटी नहीं होता। इन्हीं छोटे व्यापारियों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने जून 2020 में एक स्पेशल स्कीम लॉन्च की – प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना, जिसे शॉर्ट में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (PM SVANidhi Yojana) कहा जाता है।
यह योजना उन छोटे व्यापारियों के लिए एक बड़ी राहत बनकर आई जो पहले बैंक से लोन लेने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। चलिए विस्तार से जानते हैं कि इस योजना में क्या-क्या मिल रहा है, कौन ले सकता है इसका फायदा और कैसे करें अप्लाई।
🎯 प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का उद्देश्य क्या है?
COVID-19 लॉकडाउन के बाद सबसे ज़्यादा प्रभावित रेहड़ी-पटरी वाले हुए थे। उनकी कमाई ठप हो गई, सेविंग्स खत्म हो गई और काम फिर से शुरू करने के लिए उनके पास पूंजी नहीं बची। ऐसे में PM SVANidhi योजना का मकसद था उन्हें:
- बिना किसी गारंटी के बिज़नेस लोन देना
- डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना
- लोन चुकाने वालों को आगे और बड़ा लोन देना
- आत्मनिर्भर बनने का मौका देना
🪙 कितनी रकम मिलती है?
इस योजना में लोन स्टेप-बाय-स्टेप फॉर्मेट में दिया जाता है:
- पहला लोन: Rs. 10,000 तक का वर्किंग कैपिटल लोन (ब्याज पर सब्सिडी भी मिलेगी)
- दूसरा लोन: पहले लोन को समय पर चुकाने पर Rs. 20,000 तक का अगला लोन
- तीसरा लोन: दूसरे लोन का समय पर भुगतान करने पर Rs. 50,000 तक का तीसरा लोन
यानी अगर रेहड़ी-पटरी वाला समय से किस्त भरता है तो सरकार उन्हें अगली बार ज़्यादा अमाउंट का लोन देती है – वो भी बिना किसी गारंटी के।
📉 ब्याज और सब्सिडी का फंडा
- इस योजना में 7% तक की ब्याज सब्सिडी मिलती है।
- सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक अकाउंट में हर तिमाही जमा होती है।
- अगर कोई डिजिटली पेमेंट करता है (जैसे QR code या UPI के ज़रिए), तो उसे कैशबैक भी मिलता है – Rs. 50 से लेकर Rs. 100 प्रति महीने तक।
👨👩👧👦 कौन-कौन ले सकता है लाभ?
PM SVANidhi Yojana का फायदा वही लोग उठा सकते हैं जो किसी शहर या कस्बे में नीचे दिए गए काम करते हैं:
- सब्ज़ी, फल, चाय, चाट, छोले-कुलचे बेचने वाले
- मोची, नाई, धोबी, दर्ज़ी जैसे सेवा देने वाले वेंडर्स
- स्ट्रीट फूड विक्रेता
- पान-बीड़ी वाले
- छोटे परचून दुकानदार
शर्त यह है कि वेंडर का काम COVID-19 से पहले यानी 24 मार्च 2020 से पहले शुरू हुआ हो।
🧾 ज़रूरी दस्तावेज़ क्या-क्या लगेंगे?
लोन लेने के लिए ज्यादा कागज़ात की झंझट नहीं है। नीचे दिए गए डॉक्यूमेंट्स काफी हैं:
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- बैंक अकाउंट की डिटेल्स (पासबुक या स्टेटमेंट)
- अगर मौजूद है तो स्ट्रीट वेंडिंग का सर्टिफिकेट या लेटर ऑफ रिकग्निशन (LoR)
- अगर वेंडर के पास कोई लाइसेंस नहीं है, तो भी नगर निगम/पालिका की वेरिफिकेशन से लोन मिल सकता है।
💻 अप्लाई कैसे करें?
आप ऑनलाइन और ऑफलाइन – दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।
1. ऑनलाइन आवेदन (self apply)
- सबसे पहले जाएं 👉 www.pmsvanidhi.mohua.gov.in
- “Apply for Loan” पर क्लिक करें
- मोबाइल नंबर OTP से वेरिफाई करें
- डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें और फॉर्म सबमिट करें
2. सीएससी सेंटर या बैंक ब्रांच के जरिए
- नज़दीकी CSC (Common Service Center) पर जाएं
- अपने डॉक्यूमेंट्स दें और आवेदन करवाएं
- बैंक वेरिफिकेशन और अप्रूवल के बाद लोन अमाउंट आपके अकाउंट में आ जाएगा
🏦 किन बैंकों से मिल रहा है लोन?
लगभग सभी बड़े बैंक और NBFC इस स्कीम में पार्टिसिपेट कर रहे हैं। जैसे:
- SBI
- HDFC
- ICICI
- Bank of Baroda
- Canara Bank
- Axis Bank
- Kotak Mahindra
- ग्रामीण बैंक और NBFCs
📈 लोन मिलने के बाद क्या करना होगा?
जैसे ही लोन अप्रूव हो जाता है, पैसा सीधा बैंक खाते में आ जाता है। इसके बाद वेंडर को:
- तय समय पर EMI भरनी होगी
- कोशिश करें ज़्यादा से ज़्यादा डिजिटल पेमेंट लें
- समय पर भुगतान करने से अगली बार और बड़ा लोन मिलेगा
🧾 डिजिटल ट्रांजैक्शन और कैशबैक का फायदा
PM SVANidhi Yojana केवल लोन ही नहीं देती बल्कि डिजिटल पेमेंट करने के लिए इंसेंटिव भी देती है:
- अगर वेंडर QR कोड या UPI से पेमेंट लेता है
- हर महीने Rs. 50 से Rs. 100 तक का कैशबैक मिलता है
- इसके लिए पेमेंट ऐप्स जैसे Paytm, Google Pay, PhonePe आदि का इस्तेमाल करें
यह पहल छोटे व्यापारियों को डिजिटल इंडिया से जोड़ने में बहुत मददगार साबित हो रही है।
📊 अब तक कितने लोगों को मिला फायदा?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक:
- अब तक 60 लाख से ज़्यादा आवेदन आ चुके हैं
- इनमें से लगभग 45 लाख लोन डिसबर्स हो चुके हैं
- सबसे ज़्यादा लाभार्थी यूपी, एमपी, गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र से हैं
- महिलाओं का भी हिस्सा लगातार बढ़ रहा है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अच्छी बात है
🚩 प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से जुड़े कुछ अपडेट्स और बदलाव
सरकार समय-समय पर इसमें बदलाव भी करती रहती है ताकि और ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें:
- अब रजिस्ट्रेशन फॉर्म में LoR की ज़रूरत नहीं अगर बैंक या नगरपालिका वेरिफिकेशन कर दे
- कई राज्यों में मोबाइल वैन या कैंप लगाकर ऑन-द-स्पॉट लोन मंज़ूरी दी जा रही है
- डिजिटल लोन ट्रैकिंग और ऐप आधारित सिस्टम से पारदर्शिता बढ़ाई जा रही है
🤝 स्कीम का असली असर – ज़मीनी सच्चाई
दिल्ली की झील वाला कॉलोनी में सब्ज़ी बेचने वाले रमेश जी कहते हैं – “पहले तो बैंक वाले बात भी नहीं करते थे। अब इस योजना से Rs. 10,000 लोन मिला और दुकान फिर से चालू हो गई। अब रोज़ की कमाई Rs. 800 से Rs. 1000 तक हो जाती है।”
ऐसे ही कई वेंडर्स ने बताया कि कैशबैक से थोड़ा एक्स्ट्रा फायदा भी हो रहा है, जिससे उनकी सेविंग्स बढ़ी है।
अगर आप चाहते हैं कि आपके शहर के छोटे-छोटे व्यापारियों की कमाई फिर से पटरी पर आए, तो ज़रूरी है कि प्रधानमंत्री स्वनिधि जैसी स्कीम की सही जानकारी हर ज़रूरतमंद तक पहुंचे।