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    पीएम कुसुम योजना: किसानों के लिए सौर ऊर्जा की नई क्रांति

    Naresh SainiBy Naresh SainiMay 7, 2025Updated:May 7, 2025No Comments9 Mins Read
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    पीएम कुसुम योजना: किसानों के लिए सौर ऊर्जा की नई क्रांति
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    PM Kusum Yojana, Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha Evam Utthaan Mahabhiyan: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लाखों किसान अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर हैं। लेकिन, खेती में बिजली और डीजल पंपों का खर्चा किसानों के लिए बड़ा बोझ बन जाता है। इस समस्या को हल करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने **प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम योजना)** शुरू की है। यह योजना सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर न सिर्फ किसानों को मुफ्त बिजली देती है, बल्कि उनकी बंजर जमीन को कमाई का जरिया भी बनाती है। इस लेख में हम पीएम कुसुम योजना के बारे में विस्तार से जानेंगे, जैसे कि यह क्या है, इसके फायदे, आवेदन प्रक्रिया, और 2025 में इसका महत्व।

    पीएम कुसुम योजना क्या है?

    पीएम कुसुम योजना को 8 मार्च 2019 को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने शुरू किया था। इसका पूरा नाम **प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान** है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप और सौर संयंत्र उपलब्ध कराना है, ताकि वे डीजल और बिजली के खर्च से बच सकें। साथ ही, किसान अपनी बंजर जमीन पर सौर संयंत्र लगाकर अतिरिक्त बिजली पैदा कर सकते हैं और उसे ग्रिड को बेचकर कमाई कर सकते हैं।

    2025 में इस योजना का दायरा और भी बढ़ गया है। सरकार ने 2024-25 के लिए Rs. 1,996 करोड़ का बजट आवंटित किया है, और इसका लक्ष्य 2026 तक 25,750 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता जोड़ना है। यह योजना न सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है, बल्कि पर्यावरण को बचाने में भी मदद कर रही है।

    पीएम कुसुम योजना के मुख्य उद्देश्य

    पीएम कुसुम योजना का लक्ष्य किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। इसके प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:

    • मुफ्त बिजली: सौर पंपों के जरिए किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देना।
    • डीजल पर निर्भरता कम करना: डीजल पंपों को सौर पंपों से बदलकर ईंधन का खर्चा और प्रदूषण कम करना।
    • अतिरिक्त आय: बंजर जमीन पर सौर संयंत्र लगाकर बिजली बेचने का मौका देना।
    • स्वच्छ ऊर्जा: 2030 तक 40% बिजली गैर-जीवाश्म ईंधन से पैदा करने के भारत के लक्ष्य को पूरा करना।
    • रोजगार के अवसर: सौर संयंत्रों की स्थापना और रखरखाव से ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरियां पैदा करना।

    यह योजना किसानों के लिए एक गेम-चेंजर है, क्योंकि यह उन्हें बिजली बिल से आजादी देती है और उनकी आय को दोगुना करने का रास्ता खोलती है।

    पीएम कुसुम योजना के तीन प्रमुख घटक

    कुसुम योजना को तीन मुख्य हिस्सों में बांटा गया है, ताकि अलग-अलग जरूरतों को पूरा किया जा सके। ये घटक हैं:

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    घटक A: बंजर जमीन पर सौर संयंत्र

    इसके तहत, किसान अपनी बंजर या बेकार पड़ी जमीन पर 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक के सौर संयंत्र लगा सकते हैं। ये संयंत्र ग्रिड से जुड़े होते हैं और 33/11 केवी सब-स्टेशन के 5 किमी के दायरे में लगाए जाते हैं। किसान इनसे पैदा होने वाली बिजली को बिजली वितरण कंपनियों (DISCOM) को बेच सकते हैं।

    • लक्ष्य: 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता जोड़ना।
    • उदाहरण: राजस्थान में 623 किसानों को 722 मेगावाट के सौर संयंत्र आवंटित किए गए हैं, जहां बिजली Rs. 3.14 प्रति यूनिट की दर से 25 साल तक खरीदी जाएगी।

    घटक B: स्टैंडअलोन सौर पंप

    यह हिस्सा उन किसानों के लिए है जो बिजली या डीजल पंपों पर निर्भर हैं। सरकार 2 हॉर्सपावर से 5 हॉर्सपावर के सौर पंप देती है, जिन्हें ग्रिड से जोड़ने की जरूरत नहीं होती। ये पंप खासकर उन इलाकों के लिए हैं जहां बिजली की पहुंच नहीं है।

    • लक्ष्य: 20 लाख स्टैंडअलोन सौर पंप स्थापित करना।
    • सब्सिडी: 60% केंद्र और राज्य सरकार से, 30% बैंक लोन, और 10% किसान को देना होता है।

    घटक C: ग्रिड से जुड़े सौर पंप

    इसके तहत, मौजूदा ग्रिड-कनेक्टेड पंपों को सौर ऊर्जा से चलाने के लिए सोलराइज किया जाता है। किसान इनसे अतिरिक्त बिजली पैदा कर ग्रिड को बेच सकते हैं।

    • लक्ष्य: 15 लाख ग्रिड-कनेक्टेड पंपों को सोलराइज करना।
    • फायदा: बिजली बिल में बचत और अतिरिक्त कमाई।

    इन तीनों घटकों के जरिए सरकार किसानों को हर तरह से सपोर्ट कर रही है, चाहे वे सौर पंप चाहते हों या बिजली बेचना चाहते हों।

    पीएम कुसुम योजना के फायदे

    यह योजना किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए कई तरह से फायदेमंद है। आइए इसके प्रमुख लाभों पर नजर डालें:

    • बिजली बिल में बचत: सौर पंपों से सिंचाई मुफ्त हो जाती है, जिससे बिजली का खर्चा शून्य हो जाता है।
    • अतिरिक्त आय: बंजर जमीन पर सौर संयंत्र लगाकर किसान बिजली बेच सकते हैं। उदाहरण के लिए, 1 मेगावाट का सौर संयंत्र सालाना 11 लाख यूनिट बिजली पैदा कर सकता है, जिससे लाखों की कमाई हो सकती है।
    • पर्यावरण संरक्षण: सौर ऊर्जा से कार्बन उत्सर्जन कम होता है। पूरी तरह लागू होने पर यह योजना हर साल 32 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन कम कर सकती है।
    • भूजल संरक्षण: सौर पंपों से जरूरत के हिसाब से पानी का इस्तेमाल होता है, जिससे भूजल स्तर सुधरता है।
    • रोजगार के मौके: सौर संयंत्रों की स्थापना और रखरखाव से ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरियां पैदा हो रही हैं।
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    इन फायदों की वजह से पीएम कुसुम योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।

    कौन उठा सकता है इस योजना का लाभ?

    पीएम कुसुम योजना का लाभ लेने के लिए कुछ पात्रता शर्तें हैं:

    • आवेदक एक किसान, किसानों का समूह, सहकारी समिति, पंचायत, या किसान उत्पादक संगठन (FPO) होना चाहिए।
    • कृषि भूमि का मालिकाना हक होना चाहिए।
    • घटक A के लिए, बंजर या बेकार जमीन होनी चाहिए।
    • घटक B और C के लिए, सिंचाई के लिए पंप का इस्तेमाल होना चाहिए।

    खास बात यह है कि छोटे और सीमांत किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं, हालांकि 3 HP से ज्यादा क्षमता के पंपों पर ध्यान देने की वजह से कुछ छोटे किसानों को दिक्कत हो सकती है।

    सब्सिडी और वित्तीय सहायता

    पीएम कुसुम योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सरकार भारी सब्सिडी देती है, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ कम पड़ता है।

    • सब्सिडी: केंद्र सरकार 30% और राज्य सरकार 30–40% तक सब्सिडी देती है। कुछ राज्यों में केंद्र 50% तक सब्सिडी देता है।
    • लोन: प्रोजेक्ट लागत का 30% बैंक लोन के रूप में मिलता है।
    • किसान का हिस्सा: किसान को सिर्फ 10% राशि देनी होती है।
    • विशेष अनुदान: राजस्थान में SC/ST किसानों को Rs. 45,000 अतिरिक्त अनुदान और जनजातीय क्षेत्रों में 100% अनुदान दिया जाता है।

    उदाहरण के लिए, 10 HP सौर पंप की कीमत Rs. 5.57 लाख है, जिसमें Rs. 2.66 लाख सब्सिडी मिलती है, Rs. 5,000 टोकन मनी, और बाकी किसान को देना होता है।

    आवेदन प्रक्रिया: आसान और ऑनलाइन

    पीएम कुसुम योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना बहुत आसान है। आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।

    ऑनलाइन आवेदन

    • पीएम कुसुम की आधिकारिक वेबसाइट (pmkusum.mnre.gov.in) या अपने राज्य के कृषि विभाग/बिजली वितरण कंपनी की वेबसाइट पर जाएं।
    • होमपेज पर “ऑनलाइन आवेदन” या “रजिस्ट्रेशन” के विकल्प पर क्लिक करें।
    • अपना नाम, पता, आधार नंबर, जमीन का विवरण, और अन्य जरूरी जानकारी भरें।
    • आवश्यक दस्तावेज (आधार कार्ड, जमीन के कागज, बैंक खाता विवरण) अपलोड करें।
    • आवेदन जमा करें और रसीद डाउनलोड करें।

    ऑफलाइन आवेदन

    • नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय, बिजली वितरण कंपनी (DISCOM), या अक्षय ऊर्जा एजेंसी से संपर्क करें।
    • आवेदन फॉर्म लें, उसे भरें, और जरूरी दस्तावेज जोड़कर जमा करें।

    कई राज्यों में “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर लाभ दिया जाता है, इसलिए जल्दी आवेदन करना फायदेमंद है। टोल-फ्री नंबर **1800-180-3333** पर भी जानकारी ली जा सकती है।

    राज्यों में पीएम कुसुम योजना की प्रगति

    कई राज्यों ने इस योजना को लागू करने में शानदार काम किया है। कुछ उदाहरण:

    • राजस्थान: 2021 में राजस्थान पहला राज्य बना, जिसने सौर संयंत्रों के लिए लक्ष्य से ज्यादा क्षमता हासिल की। 2025 में इसकी क्षमता 1,000 मेगावाट से ज्यादा हो गई है।
    • उत्तर प्रदेश: यूपी में 16 जनवरी 2024 से ऑनलाइन आवेदन शुरू हुए, और हजारों किसानों को सौर पंप दिए जा रहे हैं।
    • बिहार: 843 विद्युत उपकेंद्रों से जुड़े 1,235 कृषि फीडरों का सोलराइजेशन शुरू हो चुका है।
    • मध्य प्रदेश: यहां किसानों को सौर संयंत्र लगाने में दिक्कतें आईं, लेकिन सरकार अब बैंक फाइनेंसिंग को आसान कर रही है।
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    हर राज्य में योजना को स्थानीय जरूरतों के हिसाब से लागू किया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसानों को फायदा मिले।

    चुनौतियां और समाधान

    हालांकि पीएम कुसुम योजना बहुत फायदेमंद है, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं:

    • छोटे किसानों की अनदेखी: योजना में 3 HP से ज्यादा क्षमता के पंपों पर जोर है, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को कम लाभ मिलता है। समाधान: छोटे पंपों के लिए अलग सब्सिडी पैकेज शुरू करना।
    • उपकरणों की कमी: सौर पंप और सेल की स्थानीय उपलब्धता कम है। समाधान: घरेलू सोलर सेल निर्माण को बढ़ावा देना।
    • बैंक लोन की दिक्कत: कई किसानों को लोन मंजूरी में देरी होती है। समाधान: बैंकों के साथ बेहतर तालमेल और ऑनलाइन लोन प्रक्रिया।
    • जागरूकता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में योजना की जानकारी कम है। समाधान: पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविर और मोबाइल ऐप का प्रचार।

    सरकार इन समस्याओं को हल करने के लिए लगातार काम कर रही है, ताकि योजना का पूरा फायदा किसानों तक पहुंचे।

    2025 में पीएम कुसुम योजना का महत्व

    2025 में पीएम कुसुम योजना भारत के लिए और भी जरूरी हो गई है। बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के दौर में सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और सस्ता विकल्प है। यह योजना न सिर्फ किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत कर रही है, बल्कि भारत को 2030 तक 40% नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य की ओर ले जा रही है। साथ ही, ग्रामीण भारत में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं, जो गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं।

    किसानों के लिए यह योजना एक सुनहरा मौका है। चाहे आप अपने खेत में सौर पंप लगाना चाहते हों या बंजर जमीन से कमाई करना चाहते हों, पीएम कुसुम योजना आपके सपनों को हकीकत में बदल सकती है। आज ही अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर इस योजना के बारे में और जानकारी लें और इसका लाभ उठाएं।

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