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    ITR Filing 2025: जानें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सही तरीका

    Shehnaz BeigBy Shehnaz BeigMay 31, 2025No Comments8 Mins Read
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    ITR Filing 2025: जानें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सही तरीका
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    इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना हर टैक्सपेयर के लिए जरूरी है। वित्त वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए ITR फाइल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऑफलाइन ITR फाइलिंग शुरू हो गई है, लेकिन ऑनलाइन फाइलिंग अभी शुरू नहीं हुई है। फिर भी, दोनों तरीकों को समझना बहुत जरूरी है, ताकि आखिरी समय की जल्दबाजी में गलती न हो और पेनल्टी से बचा जा सके। इस लेख में हम आपको ITR फाइल करने की पूरी प्रक्रिया बताएंगे। हम आपको ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके, जरूरी दस्तावेज, और डेडलाइन की जानकारी देंगे। साथ ही, हम यह भी बताएंगे कि कौन सा टैक्स रिजीम आपके लिए सही है और ITR फाइल करने में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

    ITR Filing 2025: महत्वपूर्ण डेडलाइन और नियम

    इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। यह तारीख उन लोगों के लिए है, जिनके अकाउंट का ऑडिट नहीं होता। अगर आप इस तारीख तक ITR फाइल नहीं करते, तो आपको लेट फीस देनी पड़ सकती है। अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है, तो लेट फीस 1,000 रुपये होगी। वहीं, अगर आय 5 लाख से ज्यादा है, तो 5,000 रुपये की लेट फीस लगेगी। अगर आप 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड रिटर्न फाइल करते हैं, तो भी आपको पेनल्टी और ब्याज देना होगा।

    नए टैक्स रिजीम में अगर आपकी आय 3 लाख रुपये से ज्यादा है, तो ITR फाइल करना जरूरी है, भले ही टैक्स देना पड़े या नहीं। पुराने टैक्स रिजीम में छूट की सीमा अलग है:

    • 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए: 3.5 लाख रुपये तक की आय पर छूट।
    • 60 से 80 साल के सीनियर सिटीजन के लिए: 3.5 लाख रुपये तक की आय पर छूट।
    • 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए: 5 लाख रुपये तक की आय पर छूट।

    इसके अलावा, कुछ खास परिस्थितियों में ITR फाइल करना अनिवार्य है:

    • अगर आपने बिजली बिल पर 1 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया है।
    • अगर आपने विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं।
    • अगर आपके करंट अकाउंट में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा हुए हैं।

    ITR फाइल करने की तैयारी कैसे करें?

    ITR फाइल करने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें:

    • टैक्स रिजीम चुनें: सबसे पहले यह तय करें कि आपके लिए नया टैक्स रिजीम सही है या पुराना। नया रिजीम डिफॉल्ट है, लेकिन अगर आप पुराना रिजीम चुनना चाहते हैं, तो फॉर्म 10-IEA जमा करना होगा। पुराने रिजीम में आप 80C, 80D जैसी छूट का फायदा ले सकते हैं।
    • सही ITR फॉर्म चुनें: आपकी आय के स्रोत के हिसाब से सही ITR फॉर्म चुनें। जैसे, सैलरीड लोग ITR-1 (सहज) फॉर्म इस्तेमाल करते हैं, अगर उनकी आय 50 लाख रुपये से कम है और आय का स्रोत सैलरी, एक मकान, या ब्याज है।
    • दस्तावेज इकट्ठा करें: ITR फाइल करने के लिए जरूरी दस्तावेज पहले से तैयार रखें। इनमें फॉर्म 16, फॉर्म 26AS, AIS, बैंक स्टेटमेंट, और टैक्स छूट के सबूत शामिल हैं।

    ऑफलाइन ITR फाइल करने का आसान तरीका

    ऑफलाइन ITR फाइल करना उन लोगों के लिए अच्छा है, जो ऑनलाइन प्रक्रिया से सहज नहीं हैं। यह तरीका सुपर सीनियर सिटीजन (80 साल से ज्यादा उम्र) और उन लोगों के लिए भी उपलब्ध है, जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है और वे रिफंड नहीं मांग रहे। आइए, ऑफलाइन ITR फाइल करने की प्रक्रिया को स्टेप-बाय-स्टेप समझें:

    • यूटिलिटी डाउनलोड करें: सबसे पहले इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट www.incometax.gov.in पर जाएं। वहां “Downloads” सेक्शन में जाएं और “Income Tax Return” पर क्लिक करें।
    • असेसमेंट ईयर चुनें: साइड में असेसमेंट ईयर 2025-26 चुनें।
    • एक्सेल यूटिलिटी डाउनलोड करें: ITR-1 के लिए एक्सेल यूटिलिटी डाउनलोड करें। यह एक जिप फाइल होगी।
    • जिप फाइल खोलें: डाउनलोड की गई जिप फाइल को एक्सट्रैक्ट करें और एक्सेल फाइल खोलें। इसमें मैक्रो को इनेबल करें।
    • डिटेल्स भरें: अपनी जानकारी जैसे पर्सनल डिटेल्स, आय, डिडक्शन, और टैक्स भुगतान की डिटेल्स भरें। यह जानकारी फॉर्म 16, फॉर्म 26AS, और AIS से लें।
    • गलतियों की जांच करें: सभी डिटेल्स भरने के बाद “Validate” बटन पर क्लिक करें। अगर कोई गलती होगी, तो वह हाइलाइट हो जाएगी। उसे ठीक करें।
    • JSON फाइल बनाएं: वैलिडेशन के बाद “Generate JSON” पर क्लिक करें और फाइल को अपने कंप्यूटर में सेव करें।
    • लॉगिन करें: अब इनकम टैक्स की वेबसाइट पर लॉगिन करें।
    • ITR फाइल करें: “e-File” टैब में जाएं, “Income Tax Return” पर क्लिक करें, और “File ITR” चुनें। असेसमेंट ईयर 2025-26, फाइलिंग मोड (ऑफलाइन), और ITR टाइप (ITR-1) चुनें।
    • JSON फाइल अपलोड करें: सेव की गई JSON फाइल को अपलोड करें।
    • वेरिफिकेशन करें: ITR को वेरिफाई करें। इसके लिए आप आधार OTP, नेट बैंकिंग, डिजिटल सिग्नेचर (DSC), या इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड (EVC) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
    • सबमिट करें: वेरिफिकेशन के बाद रिटर्न सबमिट करें।

    अगर आप मैन्युअल वेरिफिकेशन करना चाहते हैं, तो ITR-V की साइन की हुई कॉपी को सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, बेंगलुरु 560500 (कर्नाटक) पर स्पीड पोस्ट से भेजें।

    ऑनलाइन ITR फाइल करने का आसान तरीका

    ऑनलाइन ITR फाइल करना ज्यादातर टैक्सपेयर्स को पसंद है, क्योंकि यह तेज और सुविधाजनक है। हालांकि, अभी ऑनलाइन फाइलिंग शुरू नहीं हुई है, लेकिन इसकी प्रक्रिया को समझना जरूरी है। आइए, इसे स्टेप-बाय-स्टेप देखें:

    • रजिस्टर या लॉगिन करें: इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाएं। अगर आप नए यूजर हैं, तो अपने PAN, आधार, और कॉन्टैक्ट डिटेल्स से रजिस्टर करें। अगर पहले से रजिस्टर्ड हैं, तो अपने PAN (जो यूजर ID है) और पासवर्ड से लॉगिन करें।
    • सही ITR फॉर्म चुनें: “e-File” टैब में जाएं और “Income Tax Returns” पर क्लिक करें। फिर “File Income Tax Return” चुनें। असेसमेंट ईयर 2025-26 और फाइलिंग मोड “ऑनलाइन” चुनें। इसके बाद, सही ITR फॉर्म चुनें। जैसे, सैलरीड लोग ITR-1 चुन सकते हैं।
    • प्री–फिल्ड डेटा चेक करें: फॉर्म में कुछ डेटा पहले से भरा होगा, जो फॉर्म 26AS और AIS से लिया गया होगा। इसे चेक करें और जरूरी बदलाव करें। अपनी आय, डिडक्शन, और टैक्स क्रेडिट की डिटेल्स सही करें।
    • डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें: आमतौर पर फॉर्म 16 जैसे डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने की जरूरत नहीं होती, लेकिन इनकी डिटेल्स को वेरिफाई जरूर करें।
    • रिटर्न सबमिट और वेरिफाई करें: सभी डिटेल्स भरने के बाद रिटर्न को प्रीव्यू करें। अगर कोई गलती नहीं है, तो “Proceed to Verification” पर क्लिक करें। वेरिफिकेशन के लिए आधार OTP, नेट बैंकिंग, DSC, या EVC का इस्तेमाल करें। वेरिफिकेशन के बाद रिटर्न सबमिट करें।

    ITR फाइल करने के लिए जरूरी दस्तावेज

    ITR फाइल करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज पहले से तैयार रखें:

    • फॉर्म 16: अगर आप सैलरीड हैं, तो आपकी कंपनी आपको फॉर्म 16 देगी। इसमें आपकी सैलरी, TDS, और टैक्स छूट की जानकारी होगी।
    • फॉर्म 26AS: यह आपका टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट है, जिसमें TDS, TCS, और एडवांस टैक्स की डिटेल्स होंगी।
    • एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS): इसमें आपकी सारी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की जानकारी होगी, जैसे डिविडेंड, ब्याज, और शेयर से आय।
    • बैंक अकाउंट डिटेल्स: रिफंड के लिए आपका बैंक अकाउंट PAN से लिंक होना चाहिए।
    • टैक्स छूट के सबूत: सेक्शन 80C, 80D के तहत छूट के लिए सबूत, जैसे LIC प्रीमियम रसीद, हाउस रेंट रसीद, या मेडिकल इंश्योरेंस रसीद।
    • अन्य दस्तावेज: बैंक स्टेटमेंट, TDS सर्टिफिकेट, आधार और PAN (दोनों लिंक होने चाहिए), और सैलरी स्लिप।

    टैक्स रिजीम चुनने में सावधानी

    ITR फाइल करने से पहले यह तय करें कि आपके लिए नया टैक्स रिजीम सही है या पुराना। नया रिजीम डिफॉल्ट है और इसमें टैक्स स्लैब कम हैं, लेकिन छूट का फायदा नहीं मिलता। पुराने रिजीम में आप 80C, 80D जैसी छूट ले सकते हैं, लेकिन टैक्स स्लैब ज्यादा हैं। अगर आप पुराना रिजीम चुनते हैं, तो टैक्स छूट के सबूत जमा करना जरूरी है।

    ITR फाइल करने में बरतें ये सावधानियां

    ITR फाइल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें:

    • सही फॉर्म चुनें: अपनी आय के स्रोत के हिसाब से सही ITR फॉर्म चुनें। गलत फॉर्म चुनने से रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है।
    • डेटा सही भरें: फॉर्म 26AS और AIS से डेटा मिलान करें। अगर कोई आय छूट गई, तो टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेज सकता है।
    • वेरिफिकेशन पूरा करें: रिटर्न फाइल करने के बाद वेरिफिकेशन जरूरी है। अगर 120 दिनों के अंदर वेरिफिकेशन नहीं किया, तो रिटर्न अमान्य माना जाएगा।
    • समय पर फाइल करें: आखिरी तारीख का इंतजार न करें। जल्दी फाइल करने से गलतियों को सुधारने का समय मिलता है।

    डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य सलाह के लिए है। ITR फाइल करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति और जरूरतों को ध्यान में रखें। किसी भी कदम से पहले अपने टैक्स सलाहकार से सलाह लें। नियम और डेडलाइन सरकार के फैसलों के आधार पर बदल सकते हैं।

    स्रोत: मनीकंट्रोल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, क्लियरटैक्स

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