दिल्ली की गलियों से लेकर देश के कोने-कोने तक, कारीगरों की मेहनत और हुनर की बात हर कोई करता है। चाहे वो लोहार हो, बढ़ई हो, सुनार हो या फिर मूर्तिकार – ये लोग अपनी कला से न सिर्फ़ जीविका कमाते हैं, बल्कि हमारी संस्कृति को भी ज़िंदा रखते हैं। मगर कई बार इनके पास न तो सही औज़ार होते हैं, न ही पैसे, और न ही वो मौके जो इन्हें बड़ा बनाने में मदद करें। यही सोचकर भारत सरकार ने शुरू की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (Prime Minister Vishwakarma Yojana) – एक ऐसा मास्टरप्लान जो कारीगरों को नई उड़ान देने का वादा करता है।
2025 में ये योजना और भी ज़्यादा चर्चा में है। दिल्ली जैसे शहरों में, जहाँ हर गली में कोई न कोई कारीगर अपनी दुकान चलाता दिखता है, ये स्कीम लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन रही है। तो आइए, इस योजना को आसान दिल्ली वाली हिंदी में समझते हैं – ये क्या है, कैसे काम करती है, और आपके लिए क्या ला सकती है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है?
सीधे-सीधे बात करें तो ये योजना कारीगरों और शिल्पकारों के लिए सरकार का एक तोहफा है। इसे 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के दिन लॉन्च किया गया था। इसका मकसद है उन लोगों को सपोर्ट करना जो अपने हाथों और औज़ारों से कमाल का काम करते हैं। दिल्ली में तो आपको हर दूसरी गली में कोई न कोई ऐसा शख्स मिल जाएगा – मूर्ति बनाने वाला, लकड़ी का फर्नीचर तैयार करने वाला, या फिर जूते सिलने वाला। ये योजना इन्हीं लोगों को टारगेट करती है।
इसके पीछे सोच ये है कि अगर इन कारीगरों को सही ट्रेनिंग, पैसे, और मार्केट तक पहुँच दी जाए, तो ये न सिर्फ़ अपनी ज़िंदगी बेहतर बना सकते हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा योगदान दे सकते हैं। दिल्ली जैसे शहर में, जहाँ हर चीज़ की कीमत आसमान छू रही है, ये स्कीम कारीगरों को अपने बिज़नेस को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का मौका दे रही है।
Prime Minister Vishwakarma Yojana के तहत क्या-क्या मिलता है?
अब सवाल ये है कि इस योजना में ऐसा क्या खास है जो कारीगरों को इतना फायदा पहुँचा रहा है? चलिए, इसे पॉइंट्स में समझते हैं:
1. सस्ता लोन, वो भी बिना गारंटी
पैसे की तंगी हर कारीगर की सबसे बड़ी दिक्कत होती है। नया सामान खरीदना हो, दुकान बढ़ानी हो, या मशीनें लेनी हों – सबके लिए ढेर सारी रकम चाहिए। इस योजना में सरकार दे रही है 3 लाख रुपये तक का लोन, वो भी सिर्फ़ 5% ब्याज पर। और सबसे मज़ेदार बात? इसके लिए कोई गारंटी नहीं चाहिए!
- पहला चरण: 1 लाख रुपये का लोन, 18 महीने में चुकाने का ऑप्शन।
- दूसरा चरण: अगर आपने पहला लोन समय पर चुकाया, तो 2 लाख रुपये और मिल सकते हैं, वो भी 30 महीने की आसान किश्तों में।
दिल्ली में, जहाँ छोटी-सी दुकान का किराया भी हजारों में होता है, ये लोन कारीगरों के लिए किसी वरदान से कम नहीं।
2. फ्री ट्रेनिंग और रोज़ाना 500 रुपये
कारीगरों का हुनर तो गज़ब का होता है, लेकिन आज के ज़माने में अगर आप थोड़ा मॉडर्न टच नहीं लाए, तो पीछे रह जाते हैं। इस योजना में सरकार दे रही है फ्री स्किल ट्रेनिंग। इसमें 5-7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग और 15 दिन या उससे ज़्यादा की एडवांस ट्रेनिंग शामिल है।
और सुनिए, ट्रेनिंग के दौरान आपको हर दिन 500 रुपये का स्टाइपेंड भी मिलेगा। यानी सीखो भी और कमाओ भी! दिल्ली में तो ये रकम किसी के लिए किराने का खर्चा निकाल सकती है।
3. टूलकिट के लिए 15,000 रुपये
नए औज़ारों के बिना काम कैसे चलेगा? इसीलिए सरकार दे रही है 15,000 रुपये का ई-वाउचर, जिससे आप अपने काम से जुड़े मॉडर्न टूल्स खरीद सकते हैं। चाहे वो लकड़ी काटने की मशीन हो, सुनार के लिए नई किट हो, या दर्जी के लिए सिलाई मशीन – ये पैसा आपके काम को आसान बनाने में मदद करेगा।
दिल्ली की मार्केट्स जैसे चाँदनी चौक या लाजपत नगर में टूल्स की कीमतें देखीं तो पता चलेगा कि 15,000 रुपये की मदद कितनी बड़ी है।
4. विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और ID कार्ड
इस योजना में शामिल होने पर आपको विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और ID कार्ड मिलता है। ये सिर्फ़ कागज़ का टुकड़ा नहीं, बल्कि आपकी कारीगरी की पहचान है। ये सर्टिफिकेट आपको मार्केट में एक अलग रुतबा देता है, जिससे ग्राहक और बिज़नेस पार्टनर आप पर ज़्यादा भरोसा करते हैं।
5. डिजिटल पेमेंट का इनाम
आजकल तो सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है। इस योजना में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए खास इंसेंटिव है। हर डिजिटल ट्रांज़ेक्शन पर आपको 1 रुपये प्रति ट्रांज़ेक्शन मिलेगा, और हर महीने ज़्यादा से ज़्यादा 100 ट्रांज़ेक्शन तक ये फायदा उठा सकते हैं। यानी महीने में 100 रुपये तक का एक्स्ट्रा बोनस! दिल्ली में UPI का ज़माना है, तो ये छोटी-सी रकम भी आपके लिए बचत का ज़रिया बन सकती है।
6. मार्केटिंग में मदद
अच्छा माल बनाया, लेकिन बिकेगा कैसे? इस योजना में सरकार आपके प्रोडक्ट्स को बेचने में भी सपोर्ट करती है। आपके सामान को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर लिस्ट करने, प्रदर्शनियों में जगह देने, और बड़े मार्केट्स तक पहुँचाने का इंतज़ाम किया जाता है। दिल्ली में तो मार्केटिंग की इतनी मारामारी है कि ये मदद किसी जादू से कम नहीं।
कौन-कौन उठा सकता है फायदा?
अब सवाल ये है कि ये सारी सुविधाएँ किन लोगों के लिए हैं? अगर आप दिल्ली में रहते हैं और नीचे दिए गए किसी भी काम से जुड़े हैं, तो ये योजना आपके लिए है:
- बढ़ई (लकड़ी का फर्नीचर बनाने वाले)
- सुनार (जूलरी बनाने वाले)
- लोहार (लोहे का सामान बनाने वाले)
- मूर्तिकार (पत्थर या मिट्टी की मूर्तियाँ तराशने वाले)
- कुम्हार (मिट्टी के बर्तन बनाने वाले)
- दर्जी (कपड़े सिलने वाले)
- नाई (हेयर कटिंग और सैलून चलाने वाले)
- मोची (जूते बनाने या ठीक करने वाले)
- राजमिस्त्री (निर्माण कार्य करने वाले)
- टोकरी/झाड़ू बनाने वाले
- मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले
- हथियार बनाने वाले
- टूलकिट निर्माता
- नाव बनाने वाले
- पारंपरिक खिलौना बनाने वाले
- माला बनाने वाले
- धोबी (कपड़े धोने वाले)
कुल मिलाकर 18 तरह के पारंपरिक काम इस योजना के दायरे में आते हैं। दिल्ली में चाँदनी चौक की जूलरी मार्केट हो या फिर साउथ दिल्ली के सैलून – हर तरह के कारीगर यहाँ फिट बैठते हैं।
पात्रता: आपको क्या चाहिए?
- आपकी उम्र 18 साल से ज़्यादा होनी चाहिए।
- आप भारत के नागरिक हों और विश्वकर्मा समुदाय से जुड़े हों।
- आपके पास आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, और निवास प्रमाण पत्र जैसे ज़रूरी दस्तावेज़ हों।
- आपके परिवार में कोई इनकम टैक्स देने वाला या सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
- आपने पिछले 5 साल में PMEGP, मुद्रा, या PM स्वनिधि जैसी दूसरी सरकारी लोन योजनाओं का फायदा न लिया हो (अगर लिया है और चुका दिया है, तो आप फिर भी अप्लाई कर सकते हैं)।
कैसे करें आवेदन?
दिल्ली में रहने वाले कारीगरों के लिए अच्छी खबर ये है कि इस योजना में अप्लाई करना बहुत आसान है। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। चलिए, स्टेप-बाय-स्टेप देखते हैं:
ऑनलाइन आवेदन
- सबसे पहले pmvishwakarma.gov.in वेबसाइट पर जाएँ।
- होमपेज पर “Artisan Registration” या “Apply Online” का ऑप्शन चुनें।
- अपना मोबाइल नंबर और आधार नंबर डालकर रजिस्टर करें।
- OTP वेरिफिकेशन के बाद फॉर्म में अपनी डिटेल्स भरें – जैसे नाम, पता, काम का प्रकार, और बैंक डिटेल्स।
- ज़रूरी दस्तावेज़ (आधार, जाति प्रमाण पत्र, आदि) अपलोड करें।
- फॉर्म सबमिट करें और एप्लिकेशन नंबर नोट कर लें।
ऑफलाइन आवेदन
अगर आपको ऑनलाइन प्रोसेस में दिक्कत हो रही है, तो दिल्ली के किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जा सकते हैं। वहाँ मौजूद CSC ऑपरेटर आपका फॉर्म भर देगा। बस अपने सारे दस्तावेज़ साथ ले जाएँ।
आवेदन की स्थिति कैसे चेक करें?
- वेबसाइट पर “Applicant/Beneficiary Login” ऑप्शन में जाएँ।
- अपना एप्लिकेशन नंबर या मोबाइल नंबर डालें।
- OTP डालकर लॉगिन करें और स्टेटस देखें।
दिल्ली में तो CSC सेंटर्स हर कोने में मिल जाते हैं – चाहे वो नॉर्थ दिल्ली हो या ईस्ट दिल्ली। बस थोड़ा टाइम निकालकर चले जाएँ।
दिल्ली के कारीगरों के लिए क्यों है खास?
दिल्ली एक ऐसा शहर है जहाँ हर तरह का कारीगर अपनी छाप छोड़ता है। यहाँ की मार्केट्स – जैसे करोल बाग, कमला नगर, या नेहरू प्लेस – कारीगरों की मेहनत का ज़िंदा सबूत हैं। लेकिन यहाँ की महंगाई और कॉम्पिटिशन भी कम नहीं। ऐसे में PM विश्वकर्मा योजना दिल्ली वालों के लिए कुछ खास फायदे लेकर आती है:
1. महंगाई से राहत
दिल्ली में एक छोटी-सी दुकान का किराया भी 10,000-20,000 रुपये महीने से कम नहीं। ऐसे में 3 लाख का सस्ता लोन आपके बिज़नेस को बढ़ाने का सुनहरा मौका देता है।
2. मॉडर्न टूल्स का फायदा
दिल्ली की मार्केट में ग्राहक मॉडर्न और हाई-क्वालिटी प्रोडक्ट्स चाहते हैं। 15,000 रुपये की टूलकिट मदद से आप नई मशीनें खरीद सकते हैं, जो आपके काम को तेज़ और बेहतर बनाएँगी।
3. मार्केटिंग का ज़ोर
दिल्ली में लाखों दुकानें हैं, और ग्राहक तक पहुँचना आसान नहीं। इस योजना की मार्केटिंग सपोर्ट से आपके प्रोडक्ट्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बिक सकते हैं – वो भी बिना एक्स्ट्रा खर्च के।
4. ट्रेनिंग से नया हुनर
दिल्ली में कारीगरों को नई टेक्नॉलजी सीखने का मौका कम ही मिलता है। इस योजना की ट्रेनिंग से आप अपने पुराने हुनर में नया टच ला सकते हैं, जैसे डिज़ाइन सॉफ्टवेयर सीखना या मॉडर्न जूलरी बनाने की तकनीक।
योजना का अब तक का असर
2025 तक इस योजना ने लाखों कारीगरों की ज़िंदगी बदली है। दिल्ली में ही हज़ारों लोग इस स्कीम से जुड़ चुके हैं। मिसाल के तौर पर:
- रमेश, चाँदनी चौक: एक सुनार, जिन्होंने 1 लाख का लोन लेकर अपनी जूलरी शॉप में नई मशीनें लगाईं। अब उनकी दुकान पहले से दोगुनी कमाई कर रही है।
- सीमा, लाजपत नगर: एक दर्जी, जिन्होंने ट्रेनिंग के बाद डिज़ाइनर कपड़े सिलना शुरू किया और ऑनलाइन ऑर्डर लेना चालू कर दिया।
ऐसी कहानियाँ दिल्ली की हर गली में सुनने को मिल रही हैं। ये योजना न सिर्फ़ पैसे दे रही है, बल्कि कारीगरों को आत्मविश्वास और नई पहचान भी दे रही है।
क्या हैं चुनौतियाँ?
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। इस योजना के फायदे तो ढेर सारे हैं, लेकिन कुछ दिक्कतें भी सामने आई हैं:
- जागरूकता की कमी: दिल्ली जैसे बड़े शहर में भी कई कारीगरों को इस योजना के बारे में पूरी जानकारी नहीं।
- कागज़ी काम: कुछ लोगों को दस्तावेज़ जुटाने में दिक्कत होती है, खासकर जो पढ़े-लिखे नहीं हैं।
- लोन की प्रक्रिया: हालाँकि लोन बिना गारंटी है, लेकिन अप्रूवल में थोड़ा समय लग सकता है।
फिर भी, सरकार इन कमियों को दूर करने की कोशिश कर रही है। दिल्ली में CSC सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जा रही है, और हेल्पलाइन नंबर (18002677777) भी उपलब्ध है।
भविष्य में क्या उम्मीद?
2025 में ये योजना (Prime Minister Vishwakarma Yojana) और मज़बूत होने वाली है। सरकार का प्लान है कि अगले कुछ सालों में और ज़्यादा कारीगरों को इससे जोड़ा जाए। दिल्ली में, जहाँ छोटे-मोटे बिज़नेस की भरमार है, इस स्कीम का दायरा बढ़ने की पूरी उम्मीद है। आने वाले समय में शायद और नए कामों को इस योजना में शामिल किया जाए, जैसे डिजिटल कारीगरी या हैंडीक्राफ्ट से जुड़े मॉडर्न प्रोफेशन।
दिल्ली के लिए ये योजना सिर्फ़ एक सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि उन हज़ारों कारीगरों की उम्मीद है जो अपने हुनर को नई पहचान देना चाहते हैं। अगर आप भी इस योजना का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो देर न करें – आज ही अपने नज़दीकी CSC सेंटर जाएँ या ऑनलाइन चेक करें। ये मौका है दिल्ली की गलियों से निकलकर अपने सपनों को सच करने का!